ग्रह और मृत्यु

चन्द्र के क्षीण होने से मनुष्य का मनोबल कमजोर हो जाता है, विवेक काम नहीं करता और अनुचित अपघात पाप कर्म कर बैठता है। अमावस्या व एकादशी के बीच तथा पूर्णिमा के आस-पास चन्द्र कलायें क्षीण व बढ़ती हैं इसलिये ये घटनायें इस समय में होती हैं।

तमोगुणी मंगल का अधिकार सिर, एक्सीडेन्ट, आगजनी, हिंसक घटनाओं पर होता है ॥

शनि का आधिपत्य मृत्यु, फांसी व वात सम्बन्धी रोगों पर होता है।

छाया ग्रह राहु-केतु का प्रभाव आकस्मिक घटनाओं तथा पैंर, तलवों पर विशेष रहता है। ग्रहों के दूषित प्रभाव से अल्पायु, दुर्घटना, आत्महत्या, आकस्मिक घटनाओं का जन्म होता है। 

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