1- जब सूर्य मेष राशि में और बृहस्पति कुंभ राशि में आता है तो कुंभ मेला हरिद्वार में भरता है। इस योग की करोड़ों श्रद्धालुओं को प्रतीक्षा होती है और वे दूर-दूर से हरिद्वार के लिए प्रस्थान करते हैं।
2- जब बृहस्पति वृष राशि में प्रवेश करते हैं और सूर्यदेव मकर राशि में होते हैं तो कुंभ का अद्भुत और विशाल आयोजन प्रयाग में होता है। प्रयाग कुंभ की महिमा सबसे निराली मानी जाती है।
3- जब बृहस्पति और सूर्यदेव दोनों वृश्चिक राशि में प्रवेश करते हैं तो कुंभ मेले का आयोजन उज्जैन में होता है। इस पावन नगरी का नजारा अनूठा होता है।
4- जब बृहस्पति और सूर्यदेव सिंह राशि में होते हैं तब कुंभ मेला महाराष्ट्र के नासिक में लगता है। यहां गोदावरी के पवित्र जल में स्नान कर भक्त मन में श्रद्धा, शांति और सुकून महसूस करते हैं। कुंभ क्षेत्र में स्नान के अलावा दान-पुण्य का भी विशेष महत्व है।
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