अशुभ ग्रहों का उपाय किस प्रकार से करे


1. सूर्य : बहते पानी में गुड़ बहाएँ। सूर्य को जल दे,
पिता की सेवा करे या गेहूँ और तांबे का बर्तन दान
करें.,
2. चंद्र : किसी मंदिर में कुछ दिन कच्चा दूध और चावल
रखें या खीर-बर्फी का दान करें,
या माता की सेवा करे, या दूध या पानी से
भरा बर्तन रात को सिरहाने रखें. सुबह उस दुध
या पानी से किसी कांटेदार पेड़ की जड़ में डाले
या चन्द्र के लिए चावल, दुध एवं चान्दी के वस्तुएं दान
करें.
3. मंगल : बहते पानी में तिल और गुड़ से
बनी रेवाडि़यां प्रवाहित करे. या बरगद के वृक्ष
की जड़ में मीठा कच्चा दूध 43 दिन लगातार डालें। उस
दूध से भिगी मिट्टी का तिलक लगाएँ। या ८ मंगलवार
को बंदरो को भुना हुआ गुड और चने खिलाये , या बड़े
भाई बहन के सेवा करे, मंगल के लिए साबुत, मसूर
की दाल दान करें
4. बुध : ताँबे के पैसे में सूराख करके बहते पानी में बहाएँ।
फिटकरी से दन्त साफ करे, अपना आचरण ठीक रखे ,बुध
के लिए साबुत मूंग का दान करें.,
माँ दुर्गा की आराधना करें .
5. बृहस्पति : केसर का तिलक रोजाना लगाएँ या कुछ
मात्रा में केसर खाएँ और नाभि या जीभ पर लगाएं
या बृ्हस्पति के लिए चने की दाल या पिली वस्तु दान
करें.
6. शुक्र : गाय की सेवा करें और घर तथा शरीर
को साफ-सुथरा रखें, या काली गाय
को हरा चारा डाले .शुक्र के लिए दही, घी, कपूर
आदि का दान करें.
7. शनि : बहते पानी में रोजाना नारियल बहाएँ।
शनि के दिन पीपल पर तेल
का दिया जलाये ,या किसी बर्तन में तेल लेकर उसमे
अपना क्षाया देखें और बर्तन तेल के साथ दान करे.
क्योंकि शनि देव तेल के दान से अधिक प्रसन्ना होते है,
या हनुमान जी की पूजा करे और बजरंग बाण का पथ
करे, शनि के लिए काले साबुत उड़द एवं लोहे की वस्तु
का दान करें.
8. राहु : जौ या मूली या काली सरसों का दान करें
या अपने सिरहाने रख कर अगले दिन बहते हुए पानी में
बहाए ,
9. केतु : मिट्टी के बने तंदूर में मीठी रोटी बनाकर 43
दिन कुत्तों को खिलाएँ या सवा किलो आटे
को भुनकर उसमे गुड का चुरा मिला दे और ४३ दिन तक
लगातार चींटियों को डाले, या कला सफ़ेद कम्बल
कोढियों को दान करें या आर्थिक नुकासन से बचने के
लिए रोज कौओं को रोटी खिलाएं. या काला तिल
दान करे,

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